पाण्डेय कपिल - दमदार
पाण्डेय कपिल - (१५)
84 वर्ष, साहित्यकार
भोजपुरी साहित्य को समर्पित व्यक्तित्व
रचनाएंः
फुलसुंघी (उपन्यास), कह ना सकलीं (गजल संग्रह), परिंदा उड़ान पर (गजल संग्रह), जीभ बेचारी का कही (दोहा संग्रह), भोर हो गइल, (कविता संग्रह)
पाण्डेय कपिल - (१५)
84 वर्ष, साहित्यकार
भोजपुरी साहित्य को समर्पित व्यक्तित्व
भोजपुरी साहित्य पर सवाल उठाने वाले लोगों को सबसे पहले किसी भोजपुरी साहित्यकार को पढ़ना चाहिए तो वह नाम है पांडेय कपिल। पांडेय कपिल ने अपना पूरा जीवन भोजपुरी साहित्य के उत्थान में लगा दिया।
साहित्य के तमाम विधाओं में उन्होंने अपने ज्ञान के मोती को विखेरा है। छपरा के शीतलपुर बरेजा में 24 सितंबर, 1930 में जन्में पांडेय कपिल अपनी पुस्तक ‘फुलसंघी’ से बहुत लोकप्रिय हुए।
फुलसुंघी (उपन्यास), कह ना सकलीं (गजल संग्रह), परिंदा उड़ान पर (गजल संग्रह), जीभ बेचारी का कही (दोहा संग्रह), भोर हो गइल, (कविता संग्रह)
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