Sunday 8 February 2015

प्रो. सदानन्द शाही- दमदार भोजपुरिया

प्रो. सदानन्द शाही-  (26)
56 वर्ष, शिक्षाविद्

बौद्धिक व्यक्तित्व



प्रो. सदानन्द शाही का जन्म कुशीनगर जनपद के छोटे से गांव सिगहा में 7 अगस्त 1958 को हुआ। प्रोफेसर सदानन्द शाही काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के समन्वयक हैं। काशी हिन्दू विश्व विद्यालय में भोजपुरी अध्ययन केन्द्र की स्थापना से लेकर उसे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने में प्रो. शाही ने अथक श्रम किया है। 

विश्व विद्यालय के भीतर और बाहर के अनेक मंचों पर उन्होंने यह बात मजबूती से रखी कि भोजपुरी भाषा का विकास भोजपुरी समाज के विकास से जुडा है। उन्होंने यह भी  स्थापित किया कि भोजपुरी का अर्थ  केवल लोक साहित्य नही, बल्कि विशाल भोजपुरी समाज और उसमें मौजूद देशज ज्ञान है। प्रोफेसर शाही ने भोजपुरी के बौद्धिक एवं वैचारिक पहलू को स्थापित करने के लिए ‘भोजपुरी जनपद’ जैसी पत्रिका निकाली। जन भोजपुरी मंच की स्थापना करके प्रोफेसर शाही ने भोजपुरी आन्दोलन को सतही भावुकता से निकालने का यत्न किया।

5 अगस्त 2014 को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री से मिलकर प्रो शाही उन्हें यह  समझाने में सफल रहे कि भोजपुरी की जरूरत केवल भावनात्मक वजहों से नहीं बल्कि एक वृहत्तर समाज की समझ और कल्पनाशीलता से जुडा है। प्रोफेसर शाही ने उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष अनेक तर्क और तथ्य देकर यह स्थापित किया कि  भोजपुरी बोली से विकसित होकर भाषा का रूप ले चुकी है।परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 अगस्त 2014 को भोजपुरी अकादमी स्थापित करने की घोषणा की। 

प्रोफेसर शाही ने इसी वर्ष भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लेकर गृहमंत्री से मिल और इसके लिए ठोस तर्क मुहैय्या कराया।सम्प्रति प्रोफेसर शाही भोजपुरी डायस्पोरा चेयर तथा भोजपुरी विश्व विद्यालय बनवाने के लिए यत्न शील हैं। इसके लिए मारीशस तथा भारत सरकार से लगातार संवाद हैं।

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